फैसलों और फासलों से खीचा पड़ा है सफर,
रास्तों के मोड़ों पे मोडें जा रहे है नजर ,
रास्तों के मोड़ों पे मोडें जा रहे है नजर ,
नशे ने जो कुछ ऐसे चूमा हमें मंजिल की तरफ ,
छोड़ के आज का दामन, कल के साथ तै है सफर....
उन्ही लम्हों के पीहर में सोने का बहाना है ,
छोड़ के आज का दामन, कल के साथ तै है सफर....
उन्ही लम्हों के पीहर में सोने का बहाना है ,
यूँ ही मुड के देखूं तो वो ख़ुशी से टेहेल रही है,
उनसे मिलने का शबाब हम टटोल नहीं पाये,
नाम है यादें, कहा दूर ही सही पर लौटके जरुर आना है...
P.S : कुछ ऐसे ही पैमानों से सजी है जिंदगी...
kya baat hai.....
ReplyDeleteek no.
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